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गज़ल

क्या गजब का दौर गजब की नीतियाँ चल रहीं है, छ्लें जा रहें युवा ऐसी रीतियाँ चल रहीं है, कोई भूल कर भी रोजी रोजगार की चर्चा न करना राजा...

Monday 5 September 2016

गुरु पद

गुरु पद प्रणाम सादर
सादर शीश नवाऊँ
बिन गुरु ज्ञान नहिं
आप छोड़ी कहाँ जाऊं
यह संसार सागर माया
पर आप ही से पाऊं
सादर शीश नवाऊँ
ज्यों ही महिमा आपकी
मुझ ऊपर पड़ी जाए
साँच कहूँ मैं
जीवन सफल होइ जाए
गुरु पद प्रणाम सादर
सादर शीश नवाऊँ

5 सिप्तम्बर 2016
शिक्षक दिवस पर
मेरी एक कविता

                             राजू मौर्य
                             नई बाजार
                         गोरखपुर  ऊ. प्र.